खेल जो भी खेलो दिमाग से खेलना जीत जाओगे …… दिल को बीच मे लाए तो हार जाओगे
उनको लगी खरोंच का पता पूरे शहर को है, हमारे गहरे ज़ख्म की कहीं चर्चा तक नहीं
तन्हाई का दर्द धोखे से ज्यादा बड़ा होता है ….. धोखा उसके बगैर जीना सिखा देता है , लेकिन तन्हाई उसकी यादों में जीना सीखा देती है
कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी कुछ मुझे खराब होना था
किसी ने सही कहा है, जो कुछ नहीं करते, वो बहुत कुछ कर सकते हैं।
सीधा चेहरा इतिहास गहरा
Attitude तो बच्चे दिखाते है हम तो लोगो को उनकी औकात दिखाते है
जो कहते थे रंगों से डर लगता है मुझे , मैंने उन्हें पल पल रंग बदलते देखा है
मेरे शहर में नहीं चलेगा तेरा ड्रामा ….. यहाँ मैं इतना famous हूँ जितना America में Obama
अपना तो एक ही सपना है , सर पे ताज़ एक मुमताज़ और इस दुनिया पर राज़
तेरा दिल जब भी कोई दुखाएगा , याद तुझ को मेरा प्यार आएगा
महफूज़ हैं तेरे प्यार के नगमे इस दिल में , जब मन करे तो दरवाज़ा खटखटा देना
दिल का दर्द ब्यान करना अगर इतना ही आसान होता तो लोग गीतों का सहारा ना लेते
कुछ रिश्ते बनते ही टूटने के लिये है प्यार के रिश्ते का नाम इन सबमे सबसे ऊपर है
इश्क में हर बात अजीब होती है किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है
कुछ पल का साथ देकर तुमने पल पल के लिए मुझे अपना मोहताज़ बना दिया ।।
तुम्हें चलना ही कितना है सनम, बस मेरी धड़कनों से गुजर कर इस दिल में ही उतरना है
कमी नहीं थी मुझे मेरे अपनों की फिर क्यों वो अजनबी मेरे दिल में बस गया
दोस्तो कदर करो हमारी वरना girlfriend उठा ले जाएंगे तुम्हारी
सीखा था guitar जिसे पटाने के लिए अब आर्डर आया है उसी की शादी में बजाने के लिए
हम तो ऐसी लड़की पटायेंगे जो हो सबसे हटके ….. जिसे देखते ही दिल को लगे 440 volt के झटके
प्यार हो तो Bluetooth के जैसा पास रहे तो Connected , दूर गये तो “searching for new device”
लड़कियाँ जब गाड़ी चलाती है तो ये नही देखती की सड़क पर लोग पैदल भी चल रहै है, और जब पैदल चलती है तो ये नही देखती की सड़क पर गाड़ियाँ भी चल रही है
ना तंग कर…..जीने दे …..ऐ जिन्दगी ….. तेरी कसम हम….तेरे आगे हार गये है……
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी अपनी ख़ुशी को छोड़ दिया ” उसे ” खुश देखने के लिए
हल्की सी हो चुकी है नाजुक पलके मेरी …. मुद्दतो बाद इन नजरो से गिरा है कोई …
कुछ चीजें रोने से नहीं सब्र करने से मिलती हैं।
दवा जब असर ना करे, तो नज़रें उतारती है माँ …… ज़नाब, ये हार कहाँ मानती है
शिकवा तकदीर का ना शिकायत अच्छी, खुदा जिस हाल मे रखे वही जिंदगी अच्छी
तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ… तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ… मदहोश हूँ अभी… थोड़ी देर में लिखता हूँ
तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं… तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं… देखो भूल गया सब पते-ठिकाने… आसमान में हूँ मैं…
मेरी आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है … लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर सकते जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है..
शौंक नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का … मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का
मैं वो नायाब चीज हूँ , जो किसी को आँख उठा के देख लूँ तो उसे मेरी आँखों का नशा चढ़ जाए
पहले मुझे लगता था कि मैं अच्छी हूँ , फिर मैंने अपने आप को zoom करके देखा , फिर मुझे पता लगा कि मई बेतिहाशा अच्छी हूँ
छोटा सा सपना है मेरा कि तुम मुझे रोटी बनाने को ना कहो
जिसको मुझ पर trust नहीं है…..उसकी मेरी जिंदगी में कोई जरूरत नहीं है
मासूमियत तो रग -रग में है मेरे बस ज़ुबान की ही बद्तमीज़ हूँ
किसी का हाथ थाम कर छोड़ना नहीं, वादा किसी से करो तो तोड़ना नहीं, कोई अगर तोड़ दे दिल आप का, तो बिना हाथ पैर तोडे उसे छोड़ना नहीं…
मेरी यादो की शुरुआत ही तुमसे होती है दोस्तों … तूम ये न कहा करो की मुझे दुआओ में याद रखना…
ना मिलना , ना कॉल , ना SMS मुझे तुम्हारी चिंता हो रही है . क्या हुआ ? चिड़ियाघर वालों ने दुबारा पकड़ लिया क्या ?.
कमाल है ना! आँखे तालाब नहीं, फिर भी, भर आती है! दुश्मनी बीज नही, फिर भी, बोयी जाती है! होठ कपड़ा नही, फिर भी, सिल जाते है! किस्मत सखी नहीं, फिर भी, रुठ जाती है! बुद्वि लोहा नही, फिर भी, जंग लग जाती है! आत्मसम्मान शरीर नहीं, फिर भी, घायल हो जाता है! और,इन्सान मौसम नही, फिर भी, बदल जाता है!…..
देश के सारे बाप जो आज तक अपने बच्चों को सलाह देते थे कि कुछ बनना है तो पढ़ो लिखो… वो सब आज शर्मिंदा है और अपने बच्चो से आँखें नहीं मिला पा रहे … क्यूंकि लालू से सिद्ध कर दिया अगर बाप में दम है तो कोई बच्चा नालायक नहीं होता।
मंगल मूर्ति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे, हे बजरंग बलि हनुमान, हे महावीर करो कल्याण।
ऊँ या देवी सर्व भूतेषु विद्या रुपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
।।गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः।। ।।गुरु साक्षात् परब्रम्हा तस्मै श्री गुरुवे नमः।।